Manish Awadh Narayan Singh
Wednesday, July 4, 2012
रिश्तों के नामांकन वाली, अनुमानित सब परिभाषाएं !!
रोज़ दीये की बाती जैसी,
सुलझी - सुलझी आशाएं !
रिश्तों के नामांकन वाली,
अनुमानित सब परिभाषाएं!!
नयनो से अब वंचित होता,
सम्मानित और अपनापन !
रंगोली को रंग प्रतीक्षित ,
खुशबु ढूंढ रहा चन्दन !!
**** सुप्रभात *****
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