Friday, October 11, 2013

युक्तियों का केक्टस, हथिलियों पर !!


पानी सी, 

सरक जाती हैं !
जीवन की ,
अंजुली से !

सम्वेंदनाएं,
भावनाएं तथा ,
संबंधों की कलियाँ,
फूल होने तक , 
तब, 
जब ,
आकार लेता है ,
युक्तियों का केक्टस,
हथिलियों पर !!


                                      : मनीष सिंह  

Monday, October 7, 2013

व्यवस्थाएं , आकाशगंगा सी !!


व्यवस्थाएं,
और हम,
तलाशते है ,
एक दुसरे को,
सतत जीवन की,
पहचान यात्रा में,
सांसों की डोर ,
के थमने तक !

परिधि,
सरकारी,
सामाजिक,
पारिवारिक,
व्यवस्थाओं की,
बढती ही जाती है,
आकाशगंगा सी,
खोज यात्रा में,
इन सब की !