Saturday, January 14, 2012

चल चुके पग-पग बहुत, आ उड़ें अब हो पतंग !! "

" तूलिकाओं से लिपटते , जोश के ,स्नेहों के रंग,
  प्रेम भावों से उभरती, आस-स्नेहल की तरंग !!
  मन के धागों , बंध चुकी  सब ,  तेरी मेरी मंजिलें ,
  चल चुके पग-पग बहुत, आ उड़ें अब हो पतंग !! "

   मकरसंक्रांति की शुभकामनाएं !!
   पोंगल की शुभकामनायें !!
   बीहू शुभ हो...!!

Sunday, January 8, 2012

.....झूठे रिश्ते , सच्चे स्वप्न !

" आप से मिलना और बिछड़ना,
    जैसे नींद और खवाब सा !
      झूठी बातों का वो चेहरा,
      जैसे , सुर्ख गुलाब सा !! "

  " अच्छा हुआ की जल्दी टूटे,
     झूठे रिश्ते , सच्चे स्वप्न  !
     संदेहों की गगरी फूटी ,
    नग्न हुए सब सुन्दर छदम !!"

      शुभरात्री !!