आस के दीपक,
सिन्दूरी से,
जल कर,
ढूंढ लेंगे मार्ग,
किरणें बन,
ख्याति का,
सबलता का !
एक दिन !
आइयें,
बनकर जलें
दीपक,
दीपोत्सव पर,
जो , शेष कर दे,
भेद एवं अहंकार,
प्रबलता से,
एक दिन !
दीपावली की शुभकामनाएँ !
::~~ :: मनीष सिंह