Wednesday, October 22, 2014

एक दिन !

आस के दीपक,
सिन्दूरी से,
जल कर,
ढूंढ लेंगे मार्ग,
किरणें बन,
ख्याति का,
सबलता का !
एक दिन !

आइयें,
बनकर जलें 
दीपक, 
दीपोत्सव पर,
जो , शेष कर दे,
भेद एवं अहंकार,
प्रबलता से,
एक दिन !

दीपावली की शुभकामनाएँ !

::~~ :: मनीष सिंह