Saturday, March 30, 2013

संतोष,दो किनारों पर प्रतीक्षित ही रहता है !!

कहानी से,
हो जाते हैं !
जीवन !
जो मिलते हैं,
हमसे,
आपसे,
चाहकर,
ना चाहकर भी  !
कभी कभी,
इच्छाएं
पूरी न हों,
तो भी,
दूरियां,
हो जाती है !
और कहानियां
जन्म लेती हैं ...किन्तु
संतोष,
दो किनारों पर,
प्रतीक्षित ही
रहता है !!

Monday, March 25, 2013

पगडण्डीयां !

पगडण्डीयां,


मिलाती है,

कूँए से,

झोंपड़ों से,

खेतों से,

सहते हुए,

तपिश,

बारिश,

कटाव,

किनारों का,

सम्बंधित,

रहने के लिए !!

Sunday, March 24, 2013

रंगों की अब, परत चढाओ,

वर्ष  बीता,
बीत  गए,
रात  और दिन,
उतर गए  गए,
सब कलेवर,
माध्यम उनकी,
होती गयी,
रोशनी,
बेरंगी से,
सारे रिश्ते,
और सम्बन्ध !
होली आई,
आलोकों के,
अनुरागों के,
करुणा के भी,
लाल , गुलाबी,
हरे, नारंगी,
रंगों की अब,
परत चढाओ,
संबंधों में,
रंग मिलाओ,
होली मनाओ !!