Sunday, January 8, 2012

.....झूठे रिश्ते , सच्चे स्वप्न !

" आप से मिलना और बिछड़ना,
    जैसे नींद और खवाब सा !
      झूठी बातों का वो चेहरा,
      जैसे , सुर्ख गुलाब सा !! "

  " अच्छा हुआ की जल्दी टूटे,
     झूठे रिश्ते , सच्चे स्वप्न  !
     संदेहों की गगरी फूटी ,
    नग्न हुए सब सुन्दर छदम !!"

      शुभरात्री !!

  

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